श्री गोदाष्टोत्तरशतनामावळिः
श्रीः श्रीमते रामानुजाय नमः श्री गोदाष्टोत्तरशतनामावळिः १. ओं श्रीरङ्गनायक्यै नमः २. ओं गोदायै नमः ३. विष्णुचित्तात्मजायै नमः ४. ओं सत्यै नमः ५. ओं गोपीवेषधरायै नमः ६. ओं देव्यै नमः ७. ओं भूसुतायै नमः ८. ओं भोगशालिन्यै नमः ९. ओं तुलसीकाननोद्भूतायै नमः १०. ओं श्रियै नमः ११. ओं ध्वनिपुरावासिन्यै नमः १२. ओं भट्टनाथप्रियकर्यै नमः १३. ओं […]
गोदा मङ्गळम्
श्रीः श्रीमते रामानुजाय नमः गोदा मङ्गळम् स्वोच्छिष्टमालिका-गन्धबन्धुरजिष्णवे। विष्णुचित्ततनूजायै गोदायै नित्यमङ्गळम्॥ मादृशाकिञ्चनत्राणबद्धकङ्कणपाणये। विष्णुचित्ततनूजायै गोदायै नित्यमङ्गळम्॥ श्रीमत्यै विष्णुचित्तार्यमनोनन्दनहेतवे। नन्दनन्दनसुन्दर्यै गोदायै नित्यमङ्गळम्॥
श्रीगोदाप्रपत्तिः
श्रीः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीगोदाप्रपत्तिः १. श्रीभूमिनायकमनो-हरदेवि मान्यो श्रीविष्णुचित्ततनये श्रितकामधेनो। मात स्समस्तजगतां महनीयकीर्ते गोदे त्वदीयचरणौ शरणं प्रपद्ये॥ २. श्रीधन्विनव्यनगरे तुलसीवनान्तः देवी स्वयं समुदिता जनकात्मजेव। भूम्यंशतो भुवनपावनि भूसमृद्धे गोदे त्वदीयचरणौ शरणं प्रपद्ये॥ ३. आरभ्य शैशव मसारतमच्युताङ्घ्रि- भक्त्यै निरस्तविषयान्तरभाववन्द्ये। श्रीभूसमानुपमदिव्यमहानुभावे गोदे त्वदीयचरणौ शरणं प्रपद्ये॥ ४. स्वीयोत्तमाङ्गधृतमाल्यसमर्पणेन गोदेति नाम वहसि स्वय मच्युताय। भाग्याधिके परमपूरुषभाग्यलब्धे गोदे त्वदीयचरणौ शरणं प्रपद्ये॥ […]
गोदा चतुश्श्लोकी
गोदा चतुश्श्लोकी १. नित्याभूषा निगमशिरसां निस्समोत्तुङ्गवार्ता कान्तो यस्याः कचविलुलितैः कामुको माल्यरत्नैः। सूक्त्या यस्याः श्रुतिसुभगया सुप्रभाता धरित्री सैषा देवी सकलजननी सिञ्चतान्मामपाङ्गैः।। २. माता चेत्तुलसी पिता यदि तव श्रीविष्णुचित्तो महा- न्भ्राताचे द्यतिशेखरः प्रियतम श्श्रीरङ्गधामा यदि। ज्ञातार स्तनया स्त्वदुक्ति सरसस्तन्येन संवर्धिता- गोदादेवि कथं त्वमन्य मनिशं साधारणा श्रीरसि।। ३. कल्पादौ हरिणा स्वयं जनहितं दृष्टेन सर्वात्मनां प्रोक्तं स्वस्य च कीर्तनं […]