॥श्रीरस्तु॥
अथ ब्रह्माण्डपुराणोक्त नृसिंहाष्टोत्तर शतनामश्लोकाः
हरिः ओम्॥ अस्य श्रीनृसिंहाष्टोत्तर शतनामस्तोत्र महामन्त्रस्य। रुद्रनारदप्रह्लादा ऋषयः। अनुष्टुप्छन्दः। श्रीनरसिंहो देवता॥ ओं क्षं ह्रीं बीजानि, रं श्रीं क्लीं शक्तयः। नमो वज्रनखायेति कीलकम्। मम सकलदुरितक्षयपूर्वक श्रीनृसिंह प्रसादसिद्धिद्वारा सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः॥ ओं क्षं श्रीं रं ह्रीं आं क्लीं नृसिंहाय वज्रनखाय स्वाहेति षडङ्गन्यासः॥ ध्यानम्॥ सिंहास्यं तीक्ष्णदंष्ट्रं तिणयन मुदयद्भानुकोटिप्रकाशं हस्तैर्दम्भोळि धारापटुशितनखरै र्दैवत्यवक्षोविदार्य दत्वा देवव्रजस्याभय मपिच वरं शङ्खचक्रे दधानं लक्ष्मीयुक्तं प्रशान्तं श्रितजनसुलभं विष्णुमाद्यं नमामि॥ ओं रुद्राद्या ऊचुः – ओं नमो नारसिंहाय तीक्ष्णदंष्ट्राय ते नमः।
नमो वज्रनखायैव विष्णवे जिष्णवे नमः॥१॥ सर्वबीजाय सत्याय सर्वचैतन्यरूपिणे। सर्वाधाराय सर्वस्मै सर्वगाय नमोनमः॥२॥ विश्वस्मै विश्ववन्द्याय विरञ्चिजनकाय च। वागीश्वराय वेद्याय वेधसे वेदमौळये॥३॥ नमो रुद्राय भद्राय मङ्गलाय महात्मने। कारणाय तुरीयाय शिवाय परमात्मने॥४॥ हिरण्यकशिपुप्राणहरणाय नमोनमः। प्रह्लादध्येयपादाय प्रह्लादार्तिहराय च॥५॥ प्रह्लादस्थिरसाम्राज्यदायकाय नमोनमः। दैत्यवक्षोविदळन व्यग्रवज्रनखाय च॥६॥ आन्त्रमालाविभूषाय महारौद्राय ते नमः। नम उग्राय वीराय ज्वलते भीषणाय च॥७॥ सर्वतोमुखदुर्वार तेजोविक्रमशालिने। नरसिंहाय रौद्राय नमस्ते मृत्युमृत्यवे॥८॥ मत्स्याद्यनन्तकल्याणलीला वैभवकारिणे। नमो व्यूहचतुष्काय दिव्यार्चारूपधारिणे॥९॥ परस्मै पाञ्चजन्यादिपञ्चदिव्यायुधाय च। त्रिसाम्ने च त्रिधाम्ने च त्रिगुणातीतमूर्तये॥१०॥ योगारूढाय लक्ष्याय मायातीताय मायिने। मन्त्रराजाय दुर्दोषशमना येष्टदाय च॥११॥ नमः किरीटहारादिदिव्याभरणधारिणे। सर्वालङ्कारयुक्ताय लक्ष्मीलोलाय ते नमः॥१२॥ आकण्ठहरिरूपाय चाकण्ठनररूपिणे। चित्राय चित्ररूपाय जगच्चित्रकराय च॥१३॥ सर्ववेदान्तसिद्धान्त सारसत्तामयाय च। सर्वमन्त्राधिदेवाय स्तम्भडिम्भाय शम्भवे॥१४॥ नमोस्त्वनन्तकल्याण गुणरत्नाकराय च। भगवच्छब्दवाच्याय वागतीताय ते नमः॥१५॥ कालरूपाय कल्याय सर्वज्ञा याघहारिणे। गुरवे सर्वसत्कर्मफलदाय नमोनमः॥१६॥ अशेषदोषदूराय सुपर्णायात्मदर्शिने। वैकुण्ठपदनाथाय नमो नारायणाय च॥१७॥ केशवादिचतुर्विंश त्यवतारस्वरूपिणे। जीवेशाय स्वतन्त्राय मृगेन्द्राय नमोनमः॥१८॥ ब्रह्मराक्षसभूतादि नानाभयविनाशिने। अखण्डानन्दरूपाय नमस्ते मन्त्रमूर्तये॥१९॥ सिद्धये सिद्धबीजाय सर्वदेवात्मकाय च। सर्वप्रपञ्चजन्मादिनिमित्ताय नमोनमः॥२०॥ शङ्कराय शरण्याय नमस्ते शास्त्रयोनये। ज्योतिषे जीवरूपाय निर्भेदाय नमोनमः॥२१॥ नित्यभागवताराध्य सत्यलीलाविभूतये। नरकेसरिताव्यक्त सदसन्मयमूर्तये॥२२॥ सत्तामात्रस्वरूपाय स्वाधिष्ठानात्मकाय च। संशयग्रन्थिभेदाय सम्यग्ज्ञानस्वरूपिणे॥२३॥ सर्वोत्तमोत्तमेशाय पुराणपुरुषाय च। पुरुषोत्तमरूपाय साष्टाङ्गं प्रणतोस्म्यहम्॥२४॥ नाम्ना मष्टोत्तरशतं श्रीनृसिंहस्य यः पठेत्। सर्वपापविनिर्मुक्त स्सर्वेष्टार्थानवाप्नुयात्॥२५॥ ओं तत्सत्॥
इति श्रीनृसिंहाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रं संपूर्णम्
अथ नृसिंहाष्टोत्तरशतनामावळिः
१. ओं नमो नारसिंहाय नमः
२. तीक्ष्णदंष्ट्राय नमः
३. वज्रनखाय नमः
४. विष्णवे नमः
५. जिष्णवे नमः
६. सर्वबीजाय नमः
७. सत्याय नमः
८. सर्वचैतन्यरूपिणे नमः
९. सर्वाधाराय नमः
१०. सर्वस्मै नमः (१०)
११. ओं सर्वगाय नमः
१२. विश्वस्मै नमः
१३. विश्ववन्द्याय नमः
१४. विरञ्चिजनकाय नमः
१५. वागीश्वराय नमः
१६. वेद्याय नमः
१७. वेधसे नमः
१८. वेदमौळये नमः
१९. रुद्राय नमः
२०. भद्राय नमः (२०)
२१. ओं मङ्गळाय नमः
२२. महात्मने नमः
२३. कारणाय नमः
२४. तुरीयाय नमः
२५. शिवाय नमः
२६. परमात्मने नमः
२७. हिरण्यकशिपुप्राणहरणाय नमः
२८. प्रह्लादध्येयपादाय नमः
२९. प्रह्लादार्तिहराय नमः
३०. प्रह्लादस्थिरसाम्राज्यदायकाय नमः (३०)
३१. ओं दैत्यवक्षोविदळन व्यग्रवज्रनखाय नमः
३२. आन्त्रमालाविभूषाय नमः
३३. महारौद्राय नमः
३४. उग्राय नमः
३५. वीराय नमः
३६. ज्वलते नमः
३७. भीषणाय नमः
३८. सर्वतोमुखदुर्वार तेजोविक्रमशालिने नमः
३९. नरसिंहाय नमः
४०. रौद्राय नमः (४०)
४१. ओं मृत्युमृत्यवे नमः
४२. मत्स्याद्यनन्तकल्याणलीलावैभवकारिणे नमः
४३. व्यूहचतुष्काय नमः
४४. दिव्यार्चारूपधारिणे नमः
४५. परस्मै नमः
४६. पाञ्चजन्यादिपञ्चदिव्यायुधाय नमः
४७. त्रिसाम्ने नमः
४८. त्रिधाम्ने नमः
४९. त्रिगुणातीतमूर्तये नमः
५०. योगारूढाय नमः (५०)
५१. ओं लक्ष्याय नमः
५२. मायातीताय नमः
५३. मायिने नमः
५४. मन्त्रराजाय नमः
५५. दुर्दोषशमनाय नमः
५६. इष्टदाय नमः
५७. किरीटहारादिदिव्याभरणधारिणे नमः
५८. सर्वालङ्कारयुक्ताय नमः
५९. लक्ष्मीलोलाय नमः
६०. आकण्ठहरिरूपाय नमः(६०)
६१. ओं आकण्ठनररूपिणे नमः
६२. चित्राय नमः
६३. चित्ररूपाय नमः
६४. जगच्चित्रकराय नमः
६५. सर्ववेदान्तसिद्धान्त सारसत्तामयाय नमः
६६. सर्वमन्त्राधिदेवाय नमः
६७. स्तम्भडिम्भाय नमः
६८. शम्भवे नमः
६९. अनन्तकल्याण गुणरत्नाकराय नमः
७०. भगवच्छब्दवाच्याय नमः (७०)
७१. ओं वागतीताय नमः
७२. कालरूपाय नमः
७३. कल्याय नमः
७४. सर्वज्ञाय नमः
७५. अघहारिणे नमः
७६. गुरवे नमः
७७. सर्वसत्कर्मफलदाय नमः
७८. अशेषदोषदूराय नमः
७९. सुपर्णाय नमः
८०. आत्मदर्शिने नमः (८०)
८१. ओं वैकुण्ठपदनाथाय नमः
८२. नारायणाय नमः
८३. केशवादिचतुर्विंशत्यवतारस्वरूपिणे नमः
८४. जीवेशाय नमः
८५. स्वतन्त्राय नमः
८६. मृगेन्द्राय नमः
८७. ब्रह्मराक्षसभूतादि नानाभयविनाशिने नमः
८८. अखण्डानन्दरूपाय नमः
८९. मन्त्रमूर्तये नमः
९०. सिद्धये नमः (९०)
९१. ओं सिद्धबीजाय नमः
९२. सर्वदेवात्मकाय नमः
९३. सर्वप्रपञ्चजन्मादिनिमित्ताय नमः
९४. शङ्कराय नमः
९५. शरण्याय नमः
९६. शास्त्रयोनये नमः
९७. ज्योतिषे नमः
९८. जीवरूपाय नमः
९९. निर्भेदाय नमः
१००. नित्यभागवताराध्य सत्यलीलाविभूतये नमः (१००)
१०१. ओं नरकेसरिताव्यक्त सदसन्मयमूर्तये नमः
१०२. सत्तामात्रस्वरूपाय नमः
१०३. स्वाधिष्ठानात्मकाय नमः
१०४. संशयग्रन्थिभेदाय नमः
१०५. सम्यग्ज्ञानस्वरूपिणे नमः
१०६. सर्वोत्तमोत्तमेशाय नमः
१०७. पुराणपुरुषाय नमः
१०८. पुरुषोत्तमरूपाय नमः
इति नरसिंहाष्टोत्तरशतनामावळिस्सम्पूर्णा